बड़ी खबर! सरकार ने बासमती चावल पर MEP हटाया, निर्यात को मिलेगा बढ़ावा, किसानों की आय में होगी वृद्धि
The Indian government has removed the Minimum Export Price (MEP) on Basmati rice and onions, aiming to boost exports and increase farmers' income. Learn about the implications of this decision for the agriculture sector.
बड़ी खबर! सरकार ने बासमती चावल पर MEP हटाया, निर्यात को मिलेगा बढ़ावा, किसानों की आय में होगी वृद्धि
खेत तक, 14 सितम्बर, केंद्र सरकार ने हाल ही में बासमती चावल और प्याज के निर्यात के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस फैसले के तहत बासमती चावल के निर्यात पर से मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) हटा दी गई है। यह कदम घरेलू बाजार में चावल की कीमतों में नरमी और नए स्टॉक की आमद के मद्देनजर उठाया गया है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
बासमती चावल पर MEP हटाने का निर्णय
केंद्र सरकार ने बासमती चावल के निर्यात के लिए 950 मीट्रिक टन अमेरिकी डॉलर के वर्तमान मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) को हटाने का फैसला लिया है। वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, एपीडा (APEDA) को इस निर्णय को लागू करने के लिए तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही, एपीडा को बासमती निर्यात के लिए नॉन-रियलिस्टिक प्राइस के निर्यात कॉन्ट्रैक्ट्स पर बारीकी से नजर रखने की जिम्मेदारी भी दी गई है।
प्याज के निर्यात पर भी बड़ा फैसला
सरकार ने प्याज के निर्यात के लिए पहले से निर्धारित मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) को भी समाप्त कर दिया है। पहले 550 डॉलर प्रति टन की सीमा तय की गई थी, जो किसानों को इस दर से कम कीमत पर प्याज निर्यात करने से रोकती थी। अब, इस सीमा को हटाने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्याज की अधिकता का लाभ भारतीय किसानों को मिलेगा और प्याज के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने इस फैसले के बारे में एक अधिसूचना जारी की है, जो तुरंत प्रभाव से लागू हो गई है। यह कदम विशेष रूप से महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों से पहले उठाया गया है, जो प्याज का प्रमुख उत्पादक राज्य है। इससे प्याज के निर्यात में वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है।
ये निर्णय भारतीय किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत साबित हो सकते हैं। बासमती चावल और प्याज के निर्यात पर से MEP हटने से निर्यातकों को अधिक प्रतिस्पर्धी मूल्य मिल सकेगा और किसानों को बेहतर आय प्राप्त होगी। इससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन उत्पादों की मांग बढ़ने की संभावना है।
इन महत्वपूर्ण निर्णयों के बाद, उम्मीद की जा रही है कि बासमती चावल और प्याज के निर्यात में वृद्धि होगी और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। केंद्र सरकार की ये पहल कृषि क्षेत्र में नए अवसर प्रदान करेगी और किसानों की आय को बढ़ाने में मदद करेगी।